समय आदमी खुद को एक लक्ष्य सेट के लिए आ गया है. समय आदमी को अपने सबसे अधिक आशा के बीज संयंत्र के लिए आ गया है. अपनी मिट्टी अभी भी काफी समृद्ध है. लेकिन एक दिन इस मिट्टी और गरीब जाएगा पालतू, और कोई लंबा पेड़ हो इसे में विकसित कर सकेंगे. काश, समय है जब आदमी नहीं रह आदमी से परे अपनी लालसा के तीर गोली मार दूँगा आ रहा है, और उनके धनुष की डोरी कैसे को भूल गए हैं.
—from Thus Spoke Zarathustra: A Book for None and All (इस प्रकार बोले जरथुस्त्र: और कोई नहीं के लिए एक पुस्तक सब), a book by Friedrich Nietzsche
Active since December 30, 2016.
894 total characters in this text.
View Pit Stop page for this text
Rank | Username | WPM | Accuracy | Date |
---|---|---|---|---|
1. | Goal (zolitheplayer) | 92.26 | 24% | 2016-12-30 |
2. | Pankaj (pankaj_parashar) | 64.13 | 96% | 2017-03-31 |
3. | Sonu (intellectualcreatures) | 53.04 | 96% | 2020-02-22 |
Universe | Races | Average WPM | First Race |
---|---|---|---|
Hindi | 6 | 62.98 | December 30, 2016 |