Text #1220179

मैं का प्रभाव था सबके द्वारा परित्यक्त जब पूरा शहर गुलाब और गर्मियों के लिए छोड़ दिया जा रहा है. मुझे अकेला छोड़ डर था, और तीन दिन मैं शहर के माध्यम से विषादपूर्वक घूमा करते थे के लिए, समझने की कि मुझे क्या हो रहा था करने में असमर्थ. चाहे मैं एवेन्यू के पास गया, पार्क में, या तटबंधों साथ फिरते, मैं लोगों को कुछ घंटों के सभी वर्ष दौर में कुछ स्थानों में मिलने के आदी था पार मैं कभी नहीं आए. वे जाहिर है, मुझे नहीं पता, लेकिन मैं उन्हें ठीक जानता था.

—from White Nights (व्हाइट नाइट्स), a book by Fyodor Dostoyevsky

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